तुम्हे किसने कहा पगली मुझे तुम याद आती हो
बहुत खुश वहम हो तुम भी, तुम्हारी खुश गुमानी है
मेरी आँखों की सुर्खी में...तुम्हारी याद का मतलब ?
मेरे शब् भर के जगने में तुम्हारे ख्वाब का मतलब ?
ये आंखे तो हमेशा से ही मेरी सुर्ख रहती हें
तुम्हे किसने कहा पगली के मै शब् भर नहीं सोता
मोहब्बत के इलावा और भी तो दर्द होते हैं
फिकर -ए -गम ,सुख की तलाश ,ऐसे और भी ग़म होते हैं
और तुम उन सब ग़मों के बाद आती हो
तुम्हे किसने कहा पगली मुझे तुम याद आती हो
ये दुनिया वाले पागल हैं
ज़रा सी बात को यह तो अफसाना समझते हैं
मुझे अब भी यह पागल तेरा दीवाना समझते हैं
तुम्हे किसने कहा पगली !!!मुझे तुम याद आती हो !!!
मगर शाएद!!!!!!!
मगर शाएद मैं झूठा हूँ मगर शाएद मैं झूठा हूँ....
मुझे तुम आज भी जानेमन हर पल सताती हो...
भला इस कदर क्यों मुझको तुम क्यों याद आती हो.
भला क्यों याद आती हो...
............................................................................प्रशांत अवस्थी..
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